नई दिल्ली। प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार दर्शकों को लुभाने के लिए राज्यों के पवेलियन और हैंगर नहीं होंगे। दर्शक हर वर्ष अलग-अलग राज्यों की कला-संस्कृ ति को देखने पहुंचते थे, लेकिन इस बार दर्शकों को पवेलियन का दीदार नहीं होगापुनर्विकास कार्यों के चलते प्रगति मैदान के एक चौथाई हिस्से में ही 38वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला लगने जा रहा है। आईटीपीओ अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रगति मैदान में इंटरनेशनल एग्जीबिशन एवं कनवेंशन सेंटर के पुनर्विकास कार्यों के चलते इस बार प्रगति मैदान में एक चौथाई जगह बची है। निर्माण कार्य के चलते प्रगति मैदान के कुछ हॉल को छोड़कर सभी ध्वस्त कर दिए गए हैंइस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला हॉल नंबर 7, 9, 10, 11, 12 और 12ए में लगेगा। पुनर्विकास कार्यों के चलते पिछले साल प्रगति मैदान का आधा हिस्सा ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के आयोजन के लिए बचा था, लेकिन खुले मैदान और पार्क में हैंगर बनाकर व्यापार मेले को दर्शकों के लिए आकर्षक बनाने की कोशिश की गई थी। उस बीच भारत में कई मुख्य राज्यों के पवेलियन भी हैंगर में बनाए गए थे, लेकिन इस बार प्रगति मैदान में जगह आधी से भी कम हो गई है। इस बार 800 प्रदर्शक अपने उत्पाद लेकर पहुंचेंगे, जबकि पिछले वर्ष तीन हजार से ज्यादा प्रदर्शक शामिल हुए थे। प्रगति मैदान के हॉल नंबर 9 और 10 में दर्शकों को कई देशों के उत्पादों से रूबरू होने का मौका मिले गा। अफगानिस्तान, चीन, हांगकांग, ईरान, केन्या, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैंड, साउथ कोरिया, थाईलैंड, तुर्की, ट्यूनीशिया, लंदन, अमेरिका और यूएई देश उत्पाद लेकर पहुंचेंगे। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से शुरू होगा और शुरुआती चार दिन बिजनेस डेज होंगे। इस बीच आम लोगों को मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा। बिजनेस डेज के बाद पांचवें दिन से मेला आम लोगों के लिए खुल जाएगा। प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर मेले के टिकट नहीं मिलेंगे, जबकि अन्य 66 मेट्रो स्टेशनों से दर्शक टिकट खरीद सकेंगे।
अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार नहीं दिखेंगे राज्यों के पवेलियन